New Man Ki Mayuri

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 New Man Ki Mayuri
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New Man Ki Mayuri

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मनुष्यता सार है मानव रहस्यों का
भावनाओं और गतिविधियों के सामंजस्य में
हमारे व्यक्तिगत सीमाओं में समाहित
अनुभूति ही ले आती है वास्तविकता में
धर्म से बड़ा कोई सत्य नहीं है
हमारी ज़रूरत से बड़ा कोई सर्वभौमिकता नहीं ।

मानवीय सच ही निरन्तर सोच है
सत्य मनुष्य से स्वतन्त्र है
तर्क जैसे हो इधर या उधर
सच की इकाई तर्क आधारित होती

मगर तर्क जो हो
सच एक ही है
कहा गया सच अनिवार्य होगा
लेकिन व्यक्ति से जुड़ा रहस्य सार्वभौमिक नहीं होगा
सच्चाई का स्वरूप हमेशा
प्रक्रियागत माध्यम से अनुवादित होगा ।।
.

Product Details

  • Format: Paperback, Ebook
  • Book Size:5.5 x 8.5
  • Total Pages:56 pages
  • Language:Hindi
  • ISBN:978-81-94534-24-2
  • Publication Date:July 6 ,2020

Product Description

मनुष्यता सार है मानव रहस्यों का
भावनाओं और गतिविधियों के सामंजस्य में
हमारे व्यक्तिगत सीमाओं में समाहित
अनुभूति ही ले आती है वास्तविकता में
धर्म से बड़ा कोई सत्य नहीं है
हमारी ज़रूरत से बड़ा कोई सर्वभौमिकता नहीं ।

मानवीय सच ही निरन्तर सोच है
सत्य मनुष्य से स्वतन्त्र है
तर्क जैसे हो इधर या उधर
सच की इकाई तर्क आधारित होती

मगर तर्क जो हो
सच एक ही है
कहा गया सच अनिवार्य होगा
लेकिन व्यक्ति से जुड़ा रहस्य सार्वभौमिक नहीं होगा
सच्चाई का स्वरूप हमेशा
प्रक्रियागत माध्यम से अनुवादित होगा ।।
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