Young Generation ke Bhagwan
यह कहानी एक ही ध्येय को ले कर चलती है, की ईश्वर (या उस सुपर पावर) का कुछ भी नाम हो उसी इंसान की मदद करते हैं, जो पहले स्वयं अपनी मदद करते हैं। हार कर थक कर बैठ जाने वाले की मदद तो ईश्वर भी नहीं कर सकते। इस कहानी का सार गीता के उस जान से भी जुड़ा है जो बोलता है, की स्वयं ईश्वर को भी इस धरती लोक पर जनम लेने के बाद अपने सारे करम पूरे करने पड़े हैं। हमें अपने सभी स्वच्छ करम ईश्वर को समर्पित करने हैं, तभी हमें अच्छे और नेक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। इस कहानी का मुख्य पात्र एक नायिका है जो बनारस से मुंबई महानगरी में अपना भाग्य बनाने आती है, और अलग अलग, स्वार्थी लोगो के स्वार्थ में फँस कर आत्म हत्या तक उतारू हो जाती है। यही कहानी में ईश्वर का प्रवेश होता है, किन्तु इस कहानी में ईश्वर कुछ भी असाध्य काम स्वयं से ना कर के कहानी की नायिका से करवाते हैं, और उसे खुद उसकी शक्ति याद करवाते हैं। यहाँ लेखक ने अवचेतन मन की अवधारणा को विस्तृत किया है। शेष पढ़ने पर आपको अवश्य ही आनंद आएगा.
Product Details
- Format: Paperback
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:99 pages
- Language:HINDI
- ISBN:978-9364317429
- Paper Type:PAPERBACK
- Publication Date:September 30 ,2024
Product Description
यह कहानी एक ही ध्येय को ले कर चलती है, की ईश्वर (या उस सुपर पावर) का कुछ भी नाम हो उसी इंसान की मदद करते हैं, जो पहले स्वयं अपनी मदद करते हैं। हार कर थक कर बैठ जाने वाले की मदद तो ईश्वर भी नहीं कर सकते। इस कहानी का सार गीता के उस जान से भी जुड़ा है जो बोलता है, की स्वयं ईश्वर को भी इस धरती लोक पर जनम लेने के बाद अपने सारे करम पूरे करने पड़े हैं। हमें अपने सभी स्वच्छ करम ईश्वर को समर्पित करने हैं, तभी हमें अच्छे और नेक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। इस कहानी का मुख्य पात्र एक नायिका है जो बनारस से मुंबई महानगरी में अपना भाग्य बनाने आती है, और अलग अलग, स्वार्थी लोगो के स्वार्थ में फँस कर आत्म हत्या तक उतारू हो जाती है। यही कहानी में ईश्वर का प्रवेश होता है, किन्तु इस कहानी में ईश्वर कुछ भी असाध्य काम स्वयं से ना कर के कहानी की नायिका से करवाते हैं, और उसे खुद उसकी शक्ति याद करवाते हैं। यहाँ लेखक ने अवचेतन मन की अवधारणा को विस्तृत किया है। शेष पढ़ने पर आपको अवश्य ही आनंद आएगा.