
Vahi Hamara Ghar Hoga
कोरोना काल में लंबी अवधि तक चले लॉकडाउन ने जीवन की तमाम गतिविधियों को सीमित कर दिया। अनेक लोग निराशा, हताशा, कà¥à¤‚ठा तथा अवसाद के दौर से गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥‡ देखे गये। इसी अवधि में जब कहीं à¤à¥€ जाना, मानव से मानव का मिलना, रूक सा गया था à¤à¤µà¤‚ मानवीय मूलà¥à¤¯ तथा सामाजिक रिशà¥à¤¤à¥‡ कही हाशिये पर जा पहà¥à¤‚चे थे तो कà¥à¤‚ठा à¤à¤µà¤‚ अवसाद के इस दौर में मन में उठे विचारों à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ की अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ देने तथा शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में बांधने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ मैने किया है।उनकी पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिता à¤à¤µà¤‚ उनके सà¥à¤¤à¤° का निरà¥à¤£à¤¯ मैं पाठकों पर छोड़ता हॅूं। यदि पाठकों को ये रचनायें थोड़ी à¤à¥€ रूचिकर लगी और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यह पठनीय पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ हà¥à¤ˆ तो मैं अपना पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ सारà¥à¤¥à¤• समà¤à¥…ूंगा।.
Product Details
- Format: Paperback, Ebook
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:97 pages
- Language:Hindi
- ISBN:978-9395482455
- Paper Type:PAPERBACK
- Publication Date:May 11 ,2023
Product Description
कोरोना काल में लंबी अवधि तक चले लॉकडाउन ने जीवन की तमाम गतिविधियों को सीमित कर दिया। अनेक लोग निराशा, हताशा, कà¥à¤‚ठा तथा अवसाद के दौर से गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥‡ देखे गये। इसी अवधि में जब कहीं à¤à¥€ जाना, मानव से मानव का मिलना, रूक सा गया था à¤à¤µà¤‚ मानवीय मूलà¥à¤¯ तथा सामाजिक रिशà¥à¤¤à¥‡ कही हाशिये पर जा पहà¥à¤‚चे थे तो कà¥à¤‚ठा à¤à¤µà¤‚ अवसाद के इस दौर में मन में उठे विचारों à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ की अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ देने तथा शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में बांधने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ मैने किया है।उनकी पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिता à¤à¤µà¤‚ उनके सà¥à¤¤à¤° का निरà¥à¤£à¤¯ मैं पाठकों पर छोड़ता हॅूं। यदि पाठकों को ये रचनायें थोड़ी à¤à¥€ रूचिकर लगी और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यह पठनीय पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ हà¥à¤ˆ तो मैं अपना पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ सारà¥à¤¥à¤• समà¤à¥…ूंगा।.