
School Antha Katha
घर से निकलकर भुवनेन्द्र मुख्य सड़क पर करीब बीस किलोमीटर रास्ता तय कर चुका था। अब उसकी मोटर साईकिल लिंक रोड पर चल रही थी। उसके अनुमान के
मुताबिक सड़क पर चल रहे एक राहगीर ने उसे ग्राम डेरा पहाड़ी का यही रास्ता बताया था। उसे सन्तोष हो रहा था कि यद्यपि सड़क ऊँची-नीची झटकों भरी तो थी परन्तु तारकोल की
बनी पक्की थी। बीच-बीच में उसकी गिट्टी उखड़ी थी, जिससे बचता हुआ वह आगे बढ़ रहा था।.
Product Details
- Format: Paperback, Ebook
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:191 pages
- Language:Hindi
- ISBN:978-93-85818-77-6
- Publication Date:January 1 ,1970
Product Description
घर से निकलकर भुवनेन्द्र मुख्य सड़क पर करीब बीस किलोमीटर रास्ता तय कर चुका था। अब उसकी मोटर साईकिल लिंक रोड पर चल रही थी। उसके अनुमान के
मुताबिक सड़क पर चल रहे एक राहगीर ने उसे ग्राम डेरा पहाड़ी का यही रास्ता बताया था। उसे सन्तोष हो रहा था कि यद्यपि सड़क ऊँची-नीची झटकों भरी तो थी परन्तु तारकोल की
बनी पक्की थी। बीच-बीच में उसकी गिट्टी उखड़ी थी, जिससे बचता हुआ वह आगे बढ़ रहा था।.