Sapne banate hain ham
इस किताब में मैंने यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के जिन à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को कोई समà¤à¤¨à¥‡ की कोशिश नहीं करता है मैंने उनके à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को समà¤à¤¾ है और अपने आप को उनकी जगह रखकर उनके नजरिठसे उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को मैंने अपनी कविताओं में à¤à¥€ पिरोया है ताकि कोई à¤à¥€ यà¥à¤µà¤¾ मेरी कविताओं की किताब को पढ़ कर अपने सपनों को समठसके अपने मन के दà¥à¤µà¤‚द को जान सके अपने विचारों और अधिकारों को समठसके।.
Product Details
- Format: Paperback
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:165 pages
- Language:HINDI
- ISBN:978-9364314497
- Paper Type:PAPERBACK
- Publication Date:August 27 ,2024
Product Description
इस किताब में मैंने यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के जिन à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को कोई समà¤à¤¨à¥‡ की कोशिश नहीं करता है मैंने उनके à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को समà¤à¤¾ है और अपने आप को उनकी जगह रखकर उनके नजरिठसे उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को मैंने अपनी कविताओं में à¤à¥€ पिरोया है ताकि कोई à¤à¥€ यà¥à¤µà¤¾ मेरी कविताओं की किताब को पढ़ कर अपने सपनों को समठसके अपने मन के दà¥à¤µà¤‚द को जान सके अपने विचारों और अधिकारों को समठसके।.