
Prerna
कवि मन की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤, अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤, चिनà¥à¤¤à¤¨ और विचार पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ कर रहे हैं। यह सब ‘पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾â€™ बन गठऔर शबà¥à¤¦ बनकर कागज़ पर उतर आठहैं। कहना अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ न होगा कि यह कवि ‘अशेष’ का उसकी ‘पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾â€™ से अनवरत, संवाद है। कà¤à¥€ उदास, कà¤à¥€ आशा, कà¤à¥€ निराशा, कà¤à¥€ उनà¥à¤®à¤¤à¥à¤¤ और कà¤à¥€ उनà¥à¤®à¥à¤•à¥à¤¤ है। पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ कविता का केनà¥à¤¦à¥à¤° है। कवि और कविता परसà¥à¤ªà¤° गà¥à¤‚थे हà¥à¤ हैं, माला के धागों की तरह। आगे गà¥à¤£à¥€ पाठक जाने।.
Product Details
- Format: Paperback
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:128 pages
- Language:Hindi
- ISBN:978-9390229581
- Paper Type:PAPERBACK
- Publication Date:October 26 ,2023
Product Description
कवि मन की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤, अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤, चिनà¥à¤¤à¤¨ और विचार पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ कर रहे हैं। यह सब ‘पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾â€™ बन गठऔर शबà¥à¤¦ बनकर कागज़ पर उतर आठहैं। कहना अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ न होगा कि यह कवि ‘अशेष’ का उसकी ‘पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾â€™ से अनवरत, संवाद है। कà¤à¥€ उदास, कà¤à¥€ आशा, कà¤à¥€ निराशा, कà¤à¥€ उनà¥à¤®à¤¤à¥à¤¤ और कà¤à¥€ उनà¥à¤®à¥à¤•à¥à¤¤ है। पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ कविता का केनà¥à¤¦à¥à¤° है। कवि और कविता परसà¥à¤ªà¤° गà¥à¤‚थे हà¥à¤ हैं, माला के धागों की तरह। आगे गà¥à¤£à¥€ पाठक जाने।.