O Pagali
हमारे जीवन को कब, कौन, कैसे अपनतà¥à¤µ से सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ से समà¥à¤®à¤¾à¤¨ से à¤à¤° देगा कोई नहीं जानता, à¤à¤¸à¤¾ अयाचित दान हमारे मन में परत दर परत जमें उपालमà¥à¤à¥‹ का शिकवा शिकायत को अपने जादà¥à¤ˆ छà¥à¤…न से पल à¤à¤° में मिटा देता है। मन फिर से à¤à¤• बार सहज सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ की डोर से बà¤à¤§à¤¨à¥‡ को आतà¥à¤° हो जाता है। à¤à¤¸à¥€ ही कहानी है ओ पगली जिसमें अनायास ही चंचल को खà¥à¤¶à¥€ मिलती है, और चंचल के सारे गीले शिकवे पल à¤à¤° में दूर हो जाते हैं!.
Product Details
- Format: Paperback
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:91 pages
- Language:HINDI
- ISBN:978-9364313049
- Paper Type:PAPERBACK
- Publication Date:September 30 ,2024
Product Description
हमारे जीवन को कब, कौन, कैसे अपनतà¥à¤µ से सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ से समà¥à¤®à¤¾à¤¨ से à¤à¤° देगा कोई नहीं जानता, à¤à¤¸à¤¾ अयाचित दान हमारे मन में परत दर परत जमें उपालमà¥à¤à¥‹ का शिकवा शिकायत को अपने जादà¥à¤ˆ छà¥à¤…न से पल à¤à¤° में मिटा देता है। मन फिर से à¤à¤• बार सहज सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ की डोर से बà¤à¤§à¤¨à¥‡ को आतà¥à¤° हो जाता है। à¤à¤¸à¥€ ही कहानी है ओ पगली जिसमें अनायास ही चंचल को खà¥à¤¶à¥€ मिलती है, और चंचल के सारे गीले शिकवे पल à¤à¤° में दूर हो जाते हैं!.