Mutthi Bhar Dhoop

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Mutthi Bhar Dhoop
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Mutthi Bhar Dhoop

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मंदिर जाकर समय क्यों बर्बाद करना है? कहाँ आप भी अपनी बड़ी बहू और बड़े बेटे की फिराक में लगी है माँ? उसका क्या है? काम न काज करने है। बच्चे का बहाना लिये सारा दिन उसी में व्यस्त रहती है। अभी अपना बच्चा तैयार करेगी फिर खुद तैयार होगी। आराम-आराम से करते-करते दोपहर लगा देगी तब जाकर कहीं तैयार होकर गाड़ी में बैठेगी। ऊपर से मैचिंग-वैचिंग का फेरा हुआ तो फिर तो बस भगवान ही बचाए। कहीं शाम ही न हो जाए। आप तो अपने बड़े बेटे के मोह में पड़कर बेकार ही अपना समय गँवाने में लगी हैं। खूब जानता हूँ मैं ऐसी चतुर लड़कियों को। सारा दिन किसी न किसी बहाने से पति और सास को अपने में लगाये रखकर केन्द्र बिन्दु बने रहना चाहती हैं। बेटों को तो अपने आँचल की हवा लगा ही चुकी हैं। अब लगता है आपकी बारी है। छोड़िये, छोड़िये रहने दीजिये ये सब मंदिर-वंदिर जाने का बकवास प्रोग्राम। वैसे भी शादी का घर है, घर में हजारों मेहमान आने वाले हैं। आपके पास टाइम नहीं है। कितने काम भी तो पड़े हैं। वह महारानी जी थोड़े आपकी मदद के लिए आने वाली हैं। उसे क्लास-मेंटेन करने के अलावा, चीनी में लपेटकर मीठी बोली बोलने के अलावा काम ही क्या है। दिन भर खाली फूटानी करती रहती है। जाइये, जाकर अपना काम कीजिये।‘‘.

Product Details

  • Format: Paperback, Ebook
  • Book Size:5 x 8
  • Total Pages:198 pages
  • Language:Hindi
  • ISBN:978-93-88256-18-6
  • Publication Date:January 1 ,1970

Product Description

मंदिर जाकर समय क्यों बर्बाद करना है? कहाँ आप भी अपनी बड़ी बहू और बड़े बेटे की फिराक में लगी है माँ? उसका क्या है? काम न काज करने है। बच्चे का बहाना लिये सारा दिन उसी में व्यस्त रहती है। अभी अपना बच्चा तैयार करेगी फिर खुद तैयार होगी। आराम-आराम से करते-करते दोपहर लगा देगी तब जाकर कहीं तैयार होकर गाड़ी में बैठेगी। ऊपर से मैचिंग-वैचिंग का फेरा हुआ तो फिर तो बस भगवान ही बचाए। कहीं शाम ही न हो जाए। आप तो अपने बड़े बेटे के मोह में पड़कर बेकार ही अपना समय गँवाने में लगी हैं। खूब जानता हूँ मैं ऐसी चतुर लड़कियों को। सारा दिन किसी न किसी बहाने से पति और सास को अपने में लगाये रखकर केन्द्र बिन्दु बने रहना चाहती हैं। बेटों को तो अपने आँचल की हवा लगा ही चुकी हैं। अब लगता है आपकी बारी है। छोड़िये, छोड़िये रहने दीजिये ये सब मंदिर-वंदिर जाने का बकवास प्रोग्राम। वैसे भी शादी का घर है, घर में हजारों मेहमान आने वाले हैं। आपके पास टाइम नहीं है। कितने काम भी तो पड़े हैं। वह महारानी जी थोड़े आपकी मदद के लिए आने वाली हैं। उसे क्लास-मेंटेन करने के अलावा, चीनी में लपेटकर मीठी बोली बोलने के अलावा काम ही क्या है। दिन भर खाली फूटानी करती रहती है। जाइये, जाकर अपना काम कीजिये।‘‘.

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