Manto Ki Kahaniyan
ये 1919 ईसà¥à¤µà¥€ की बात है, à¤à¤¾à¤ˆà¤œà¤¾à¤¨, जब रौलेट à¤à¤•à¥à¤Ÿ के ख़िलाफ़ सारे पंजाब में à¤à¤œà¥€à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ हो रहा था। मैं अमृतसर की बात कर रहा हूà¤à¥¤ सर माईकल ओडवायर ने डिफ़ेनà¥à¤¸ ऑफ़ इणà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾ रूलà¥à¤œà¤¼ के मातहत गांधी जी का दाख़िला पंजाब में बनà¥à¤¦ कर दिया था। वह इधर आ रहे थे कि पलवाल के मà¥à¤•à¤¼à¤¾à¤® पर उनको रोक लिया गया और गिरफ़à¥à¤¤à¤¾à¤° करके वापस बमà¥à¤¬à¤ˆ à¤à¥‡à¤œ दिया गया। जहाठतक में समà¤à¤¤à¤¾ हूà¤, à¤à¤¾à¤ˆà¤œà¤¾à¤¨, अगर अà¤à¤—à¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼ ये ग़लती न करता तो जलियाà¤à¤µà¤¾à¤²à¤¾ बाग़ का हादसा उस की हà¥à¤•à¥à¤®à¤°à¤¾à¤¨à¥€ की सà¥à¤¯à¤¾à¤¹ तारीख़ में à¤à¤¸à¥‡ ख़ूनीं वरà¥à¤•à¤¼ का इज़ाफ़ा कà¤à¥€ न करता।.
Product Details
- Format: Paperback, Ebook
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:134 pages
- Language:Hindi
- ISBN:978-93-88256-94-0
- Publication Date:July 6 ,2020
Product Description
ये 1919 ईसà¥à¤µà¥€ की बात है, à¤à¤¾à¤ˆà¤œà¤¾à¤¨, जब रौलेट à¤à¤•à¥à¤Ÿ के ख़िलाफ़ सारे पंजाब में à¤à¤œà¥€à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ हो रहा था। मैं अमृतसर की बात कर रहा हूà¤à¥¤ सर माईकल ओडवायर ने डिफ़ेनà¥à¤¸ ऑफ़ इणà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾ रूलà¥à¤œà¤¼ के मातहत गांधी जी का दाख़िला पंजाब में बनà¥à¤¦ कर दिया था। वह इधर आ रहे थे कि पलवाल के मà¥à¤•à¤¼à¤¾à¤® पर उनको रोक लिया गया और गिरफ़à¥à¤¤à¤¾à¤° करके वापस बमà¥à¤¬à¤ˆ à¤à¥‡à¤œ दिया गया। जहाठतक में समà¤à¤¤à¤¾ हूà¤, à¤à¤¾à¤ˆà¤œà¤¾à¤¨, अगर अà¤à¤—à¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼ ये ग़लती न करता तो जलियाà¤à¤µà¤¾à¤²à¤¾ बाग़ का हादसा उस की हà¥à¤•à¥à¤®à¤°à¤¾à¤¨à¥€ की सà¥à¤¯à¤¾à¤¹ तारीख़ में à¤à¤¸à¥‡ ख़ूनीं वरà¥à¤•à¤¼ का इज़ाफ़ा कà¤à¥€ न करता।.