Kavita Ke Bahane
असल में कविता एक भाव है, जो निरंतर बहता है,अविरल चलता है।यह कविता रूपी भाव उन सबके लिए बहता है,जो अपनी भावनाओं को कोई आवाज नहीं दे पाते। इसमें व्यवस्था से पीड़ित लोग हो सकते हैं, प्रेम में पागल हो सकते हैं, ऐसे लोग हो सकते हैं जो डरते हैं, इस बात से कि यदि लब खोले गए,तो शायद कुछ गड़बड़ हो जाए।कविता के बहाने उन्हीं लोगों की बातें जो मेरी तो हैं हीं पर साथ-साथ उन सबकी आवाज भी है, भाव भी है और एहसास भी है जो आवाज होते हुए बोल नहीं पाते, किन्हीं अपरिहार्य कारणों से...कविता के बहाने ही सही एक अवसर है दुनिया जहान से बतियाने का, उनके संग बैठने, उठने, खेलने-कुदने और दूसरों की भावनाएं अपने दिल से महसूस करने की। बस! कविता के बहाने पढ़िए, और उतरिए भावों के ज्वार में ताकि ऊपर से नीचे तक नहाने के भाव से सरोबार हों पाएं क्योंकि मनुष्य जिंदा रहे, इंकलाबी नारा बुलंद रहे।यही कोशिश है।.
Product Details
- Format: Hardcopy
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:102 pages
- Language:HINDI
- ISBN:978-8119944736
- Paper Type:PAPERBACK
- Publication Date:November 27 ,2024
Product Description
असल में कविता एक भाव है, जो निरंतर बहता है,अविरल चलता है।यह कविता रूपी भाव उन सबके लिए बहता है,जो अपनी भावनाओं को कोई आवाज नहीं दे पाते। इसमें व्यवस्था से पीड़ित लोग हो सकते हैं, प्रेम में पागल हो सकते हैं, ऐसे लोग हो सकते हैं जो डरते हैं, इस बात से कि यदि लब खोले गए,तो शायद कुछ गड़बड़ हो जाए।कविता के बहाने उन्हीं लोगों की बातें जो मेरी तो हैं हीं पर साथ-साथ उन सबकी आवाज भी है, भाव भी है और एहसास भी है जो आवाज होते हुए बोल नहीं पाते, किन्हीं अपरिहार्य कारणों से...कविता के बहाने ही सही एक अवसर है दुनिया जहान से बतियाने का, उनके संग बैठने, उठने, खेलने-कुदने और दूसरों की भावनाएं अपने दिल से महसूस करने की। बस! कविता के बहाने पढ़िए, और उतरिए भावों के ज्वार में ताकि ऊपर से नीचे तक नहाने के भाव से सरोबार हों पाएं क्योंकि मनुष्य जिंदा रहे, इंकलाबी नारा बुलंद रहे।यही कोशिश है।.