Katha Sipika
‘कथा सीपिका‘ डॉ० सिसोदिया की छहतà¥à¤¤à¤° लघॠकथाओं का संगà¥à¤°à¤¹ है। डॉ० कà¥à¤·à¤¾à¤®à¤¾ सिसोदिया à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ लेखिका और कवयितà¥à¤°à¥€ हैं, जिनकी लेखन à¤à¤• सहज पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• सपà¥à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• इस देश के विराट, पà¥à¤°à¥‚ष के आजà¥à¤žà¤¾à¤šà¤•à¥à¤° पर अवसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ वाराणसी में जनà¥à¤®à¥€ तथा पली-बà¥à¥€ कà¥à¤·à¤®à¤¾ जी ने दूसरी पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ पà¥à¤°à¥€ मणिपà¥à¤° में अवसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अवनà¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¾ नगरी को अपनी करà¥à¤®à¤à¥‚मि बनाया। जाहिर है, दोनों नगरियों के सारसà¥à¤µà¤¤ और आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• गà¥à¤£ उनमें आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ हà¥à¤à¥¤ इलाहाबाद विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• करने के बाद लखनऊ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने परासà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• की उपाधि पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की और कॉलेज के दिनों से ही हिनà¥à¤¦à¥€ लेखन में अपनी पà¥à¤°à¤µà¥€à¤£à¤¤à¤¾ की छाप छोड़ी।.
Product Details
- Format: Paperback, Ebook
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:144 pages
- Language:HINDI
- ISBN:978-93-88256-39-1
- Publication Date:January 1 ,1970
Product Description
‘कथा सीपिका‘ डॉ० सिसोदिया की छहतà¥à¤¤à¤° लघॠकथाओं का संगà¥à¤°à¤¹ है। डॉ० कà¥à¤·à¤¾à¤®à¤¾ सिसोदिया à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ लेखिका और कवयितà¥à¤°à¥€ हैं, जिनकी लेखन à¤à¤• सहज पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• सपà¥à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• इस देश के विराट, पà¥à¤°à¥‚ष के आजà¥à¤žà¤¾à¤šà¤•à¥à¤° पर अवसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ वाराणसी में जनà¥à¤®à¥€ तथा पली-बà¥à¥€ कà¥à¤·à¤®à¤¾ जी ने दूसरी पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ पà¥à¤°à¥€ मणिपà¥à¤° में अवसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अवनà¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¾ नगरी को अपनी करà¥à¤®à¤à¥‚मि बनाया। जाहिर है, दोनों नगरियों के सारसà¥à¤µà¤¤ और आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• गà¥à¤£ उनमें आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ हà¥à¤à¥¤ इलाहाबाद विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• करने के बाद लखनऊ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने परासà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• की उपाधि पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की और कॉलेज के दिनों से ही हिनà¥à¤¦à¥€ लेखन में अपनी पà¥à¤°à¤µà¥€à¤£à¤¤à¤¾ की छाप छोड़ी।.