Jindagi Nama

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हमने एक कठोर यथार्थ को रेखांकित किया है और वह ये है कि समूचे विश्व में अपने देश के अन्दर हिन्दी रचनाकारों की जो दुर्दशा है वह किसी से छिपी नहीं है। हिन्दी लेखकों व कवियों को रचनाओं के प्रकाशन में विशेषकर उसे पुस्तकीय आकार देने के लिए मुश्किल से ही कोई प्रकाशक मिलता है।
इस गुरु गंभीर समस्या के निदान के लिये हमने काव्या पब्लिकेशन्स के रूप में रचनाकारों के लिये एक सशक्त मंच देने का प्रयास किया है। यह मात्र एक व्यावसायिक प्रतिष्ठान नहीं है यह रचनाकारों की रचनाऐं प्रकाशित करने का एक रचनात्मक आन्दोलन बनकर उभर रहा है।
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Product Details

  • Format: Paperback, Ebook
  • Book Size:5 x 8
  • Total Pages:100 pages
  • Language:Hindi
  • ISBN:978-93-88256-30-8
  • Publication Date:January 1 ,1970

Product Description

हमने एक कठोर यथार्थ को रेखांकित किया है और वह ये है कि समूचे विश्व में अपने देश के अन्दर हिन्दी रचनाकारों की जो दुर्दशा है वह किसी से छिपी नहीं है। हिन्दी लेखकों व कवियों को रचनाओं के प्रकाशन में विशेषकर उसे पुस्तकीय आकार देने के लिए मुश्किल से ही कोई प्रकाशक मिलता है।
इस गुरु गंभीर समस्या के निदान के लिये हमने काव्या पब्लिकेशन्स के रूप में रचनाकारों के लिये एक सशक्त मंच देने का प्रयास किया है। यह मात्र एक व्यावसायिक प्रतिष्ठान नहीं है यह रचनाकारों की रचनाऐं प्रकाशित करने का एक रचनात्मक आन्दोलन बनकर उभर रहा है।
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