Jeena Esi Ka Naam Hai
सन् 1925 की अन्य षामों की तरह यह भी एक षाम थी। दूर दूर तक देवदार के हरे भरे पेड़ों के बीच गुरूदेव का आश्रम था। एक बार फिर ना चाहते हुए भी केदारनाथ के कदम अपने गुरूदेव के आश्रम की ओर बढ़ते जा रहे थे। गुरूदेव का आश्रम आबादी से दूर निर्जन वन में था। प्रकृति का सुन्दर वातावरण वनों के सुन्दर पुष्पों से सुरभित और सुषोभित हो रहा था। वहाँ गुरूदेव अपनी पर्ण कुटिया में अपने षिष्यों के साथ विराजमान थे और अपना प्रवचन दे रहे थे। .
Product Details
- Format: Paperback, Ebook
- Book Size:5.5 x 8.5
- Total Pages:116 pages
- Language:Hindi
- ISBN:978-93-90229-23-9
- Publication Date:October 7 ,2020
Product Description
सन् 1925 की अन्य षामों की तरह यह भी एक षाम थी। दूर दूर तक देवदार के हरे भरे पेड़ों के बीच गुरूदेव का आश्रम था। एक बार फिर ना चाहते हुए भी केदारनाथ के कदम अपने गुरूदेव के आश्रम की ओर बढ़ते जा रहे थे। गुरूदेव का आश्रम आबादी से दूर निर्जन वन में था। प्रकृति का सुन्दर वातावरण वनों के सुन्दर पुष्पों से सुरभित और सुषोभित हो रहा था। वहाँ गुरूदेव अपनी पर्ण कुटिया में अपने षिष्यों के साथ विराजमान थे और अपना प्रवचन दे रहे थे। .