Ishq Gunah Nahi
ज़िंदगी में हर आदमी परेषान सा है,
गुनाह करके जैसे पषेमान सा है।
हर पहर बस भागता ही रहता है,
बेहद घबराया, बदहवास हैरान सा है।
देखने में षरीफ़जादा तो लग रहा है
अंदर से यह बेहूदा षख़्स हैवान सा है
उम्र का अंदाज़ा नामुमकिन हो गया,
जिसको देखा लगाकर ख़िज़ाब जवान सा है।
एक परिवार के सदस्य अलग बैठे हैं,
हर फ़र्द ही आपस में अनजान सा है।
हर रस्ते पर भीड़ उबली पड़ रही,
एक चेहरा उसमें नहीं पहचान सा है।
दिल के दर पर दस्तक के इंतिज़ार में,
आख़री साँस से पहले अरमान सा है।।
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Product Details
- Format: Paperback, Ebook
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:118 pages
- Language:Hindi
- ISBN:978-93-88256-91-9
- Publication Date:July 6 ,2020
Product Description
ज़िंदगी में हर आदमी परेषान सा है,
गुनाह करके जैसे पषेमान सा है।
हर पहर बस भागता ही रहता है,
बेहद घबराया, बदहवास हैरान सा है।
देखने में षरीफ़जादा तो लग रहा है
अंदर से यह बेहूदा षख़्स हैवान सा है
उम्र का अंदाज़ा नामुमकिन हो गया,
जिसको देखा लगाकर ख़िज़ाब जवान सा है।
एक परिवार के सदस्य अलग बैठे हैं,
हर फ़र्द ही आपस में अनजान सा है।
हर रस्ते पर भीड़ उबली पड़ रही,
एक चेहरा उसमें नहीं पहचान सा है।
दिल के दर पर दस्तक के इंतिज़ार में,
आख़री साँस से पहले अरमान सा है।।
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