Ishq Gunah Nahi

  1. Home
  2. Book details
  3. Ishq Gunah Nahi
Ishq Gunah Nahi
170

Ishq Gunah Nahi

Share:

ज़िंदगी में हर आदमी परेषान सा है,
गुनाह करके जैसे पषेमान सा है।

हर पहर बस भागता ही रहता है,
बेहद घबराया, बदहवास हैरान सा है।

देखने में षरीफ़जादा तो लग रहा है
अंदर से यह बेहूदा षख़्स हैवान सा है

उम्र का अंदाज़ा नामुमकिन हो गया,
जिसको देखा लगाकर ख़िज़ाब जवान सा है।

एक परिवार के सदस्य अलग बैठे हैं,
हर फ़र्द ही आपस में अनजान सा है।

हर रस्ते पर भीड़ उबली पड़ रही,
एक चेहरा उसमें नहीं पहचान सा है।

दिल के दर पर दस्तक के इंतिज़ार में,
आख़री साँस से पहले अरमान सा है।।
.

Product Details

  • Format: Paperback, Ebook
  • Book Size:5 x 8
  • Total Pages:118 pages
  • Language:Hindi
  • ISBN:978-93-88256-91-9
  • Publication Date:July 6 ,2020

Product Description

ज़िंदगी में हर आदमी परेषान सा है,
गुनाह करके जैसे पषेमान सा है।

हर पहर बस भागता ही रहता है,
बेहद घबराया, बदहवास हैरान सा है।

देखने में षरीफ़जादा तो लग रहा है
अंदर से यह बेहूदा षख़्स हैवान सा है

उम्र का अंदाज़ा नामुमकिन हो गया,
जिसको देखा लगाकर ख़िज़ाब जवान सा है।

एक परिवार के सदस्य अलग बैठे हैं,
हर फ़र्द ही आपस में अनजान सा है।

हर रस्ते पर भीड़ उबली पड़ रही,
एक चेहरा उसमें नहीं पहचान सा है।

दिल के दर पर दस्तक के इंतिज़ार में,
आख़री साँस से पहले अरमान सा है।।
.

Do you want to publish a book? Enquire Now

Feel Free to Call us at +91-7905266820 or drop us a mail at editor@kavyapublications.com

captcha
Get Publish Now