Gunche
यह सामान्य सा सफर है या लुकाछिपी का खेल है
ऐ जिंदगी, तुझमें भी राजनीति सा बड़ा घालमेल है
सीधी सपाट राह, अगले मोड़ पे बनती भूलभूलैय्या
टूटी फूटी सड़क तो यह कभी सरपट भागती रेल है
आरंभ विवादित कि तेरी पटकथा का लेखक कौन
अंततोगत्वा है जाना कहाँ, तू तो है इस पर भी मौन
विधि के विधान को माना जाए शुभारंभ का कारण
या शुरुआत ही नारी पुरुष के प्रेमबीजों का मेल है
ऐ जिंदगी, तूझमें भी राजनीति सा बड़ा घालमेल है
क्रन्दन के आलाप को मिल जाता शब्दों का जखीरा
हंसी ठिठोली संग मिश्रित होता रोजमर्रा का बखेरा
संगी साथियों, नाते रिश्तों का क्या बताएं हालचाल
कभी नितांत ऐकाकीपन देते तो कभी रेलमपेल है
ऐ जिंदगी, तूझमें भी राजनीति सा बड़ा घालमेल है
मृगमरीचिका सी लुभाती पास बुलाती हैं ये मंजिलें
निकट पहुंचो तो मुंह चिढ़ाती दूसरा पता बताती है
निकलते हैं हुलसते जो खुशी की तलाश में अक्सर
राह में खड़ी कांटेदार तकलीफें निकाल देती तेल है
ऐ जिंदगी, तूझमें भी राजनीति सा बड़ा घालमेल है
पालकर जीने की आजादी की ख्वाहिश ताजिंदगी
चारों ओर तैयार करते हैं चाहतों की सुनहरी जंजीरें
बिंदास उड़ान को छोटा जान पड़ता सारा आकाश
हासिल अंतिम मुकाम सा घोंसला भी लगता जेल है
ऐ जिंदगी, तूझमें भी राजनीति सा बड़ा घालमेल है
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Product Details
- Format: Paperback, Ebook
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:133 pages
- Language:Hindi
- ISBN:978-93-88256-85-8
- Publication Date:January 1 ,1970
Product Description
यह सामान्य सा सफर है या लुकाछिपी का खेल है
ऐ जिंदगी, तुझमें भी राजनीति सा बड़ा घालमेल है
सीधी सपाट राह, अगले मोड़ पे बनती भूलभूलैय्या
टूटी फूटी सड़क तो यह कभी सरपट भागती रेल है
आरंभ विवादित कि तेरी पटकथा का लेखक कौन
अंततोगत्वा है जाना कहाँ, तू तो है इस पर भी मौन
विधि के विधान को माना जाए शुभारंभ का कारण
या शुरुआत ही नारी पुरुष के प्रेमबीजों का मेल है
ऐ जिंदगी, तूझमें भी राजनीति सा बड़ा घालमेल है
क्रन्दन के आलाप को मिल जाता शब्दों का जखीरा
हंसी ठिठोली संग मिश्रित होता रोजमर्रा का बखेरा
संगी साथियों, नाते रिश्तों का क्या बताएं हालचाल
कभी नितांत ऐकाकीपन देते तो कभी रेलमपेल है
ऐ जिंदगी, तूझमें भी राजनीति सा बड़ा घालमेल है
मृगमरीचिका सी लुभाती पास बुलाती हैं ये मंजिलें
निकट पहुंचो तो मुंह चिढ़ाती दूसरा पता बताती है
निकलते हैं हुलसते जो खुशी की तलाश में अक्सर
राह में खड़ी कांटेदार तकलीफें निकाल देती तेल है
ऐ जिंदगी, तूझमें भी राजनीति सा बड़ा घालमेल है
पालकर जीने की आजादी की ख्वाहिश ताजिंदगी
चारों ओर तैयार करते हैं चाहतों की सुनहरी जंजीरें
बिंदास उड़ान को छोटा जान पड़ता सारा आकाश
हासिल अंतिम मुकाम सा घोंसला भी लगता जेल है
ऐ जिंदगी, तूझमें भी राजनीति सा बड़ा घालमेल है
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