Dwabha
कविता हृदय और आतà¥à¤®à¤¾ की आिाज है। जीिन के कà¥à¤› अनà¥à¤à¤¿, ना à¤à¥à¤²à¤¾ पाने जैसे कà¥à¤·à¤£, आतà¥à¤®à¤¾ को कà¥à¤°à¥‡à¤¦à¤¨à¥‡ जैसी बातें, ये सà¤à¥€ कवि के अनà¥à¤¤à¤¸ से होते हà¥à¤ मानस पटल को उसी à¤à¤¾à¤¾à¤à¤µà¤¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करती हैं जैसे जल संपूररत मेघ सेनाà¤à¤¾à¤ दà¥à¤µà¤¨à¥à¤¦ करते हà¥à¤ जलािृवि करती हैं। कवि और बादल दोनों ही दाता हैं वनयवत à¤à¥€ à¤à¤• जैसी है। कवि के अनà¥à¤¤à¤®à¤®à¤¨ को उदà¥à¤µà¥‡à¤µà¤²à¤¤ करने िाले à¤à¤¾à¤¿ कविता के रूप में बरस पड़ते हैं। कवि की साधना ही कविता है। जो उसके विनà¥à¤¤à¤¨ को फलीà¤à¥‚त करती है।.
Product Details
- Format: Paperback
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:92 pages
- Language:Hindi
- ISBN:978-9395482318
- Paper Type:PAPERBACK
- Publication Date:October 26 ,2023
Product Description
कविता हृदय और आतà¥à¤®à¤¾ की आिाज है। जीिन के कà¥à¤› अनà¥à¤à¤¿, ना à¤à¥à¤²à¤¾ पाने जैसे कà¥à¤·à¤£, आतà¥à¤®à¤¾ को कà¥à¤°à¥‡à¤¦à¤¨à¥‡ जैसी बातें, ये सà¤à¥€ कवि के अनà¥à¤¤à¤¸ से होते हà¥à¤ मानस पटल को उसी à¤à¤¾à¤¾à¤à¤µà¤¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करती हैं जैसे जल संपूररत मेघ सेनाà¤à¤¾à¤ दà¥à¤µà¤¨à¥à¤¦ करते हà¥à¤ जलािृवि करती हैं। कवि और बादल दोनों ही दाता हैं वनयवत à¤à¥€ à¤à¤• जैसी है। कवि के अनà¥à¤¤à¤®à¤®à¤¨ को उदà¥à¤µà¥‡à¤µà¤²à¤¤ करने िाले à¤à¤¾à¤¿ कविता के रूप में बरस पड़ते हैं। कवि की साधना ही कविता है। जो उसके विनà¥à¤¤à¤¨ को फलीà¤à¥‚त करती है।.