Dhawaldweep
• इस उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में अलबाबà¥à¤²à¥‹à¤¨ और गिलगमोश से संबनà¥à¤§à¤¿à¤¤ कà¥à¤› जानकारी उरà¥à¤¦à¥‚ के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ लेखक मालिक राम की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• “हमोरबी और बाबली तहज़ीब-ओ-तमदà¥à¤¦à¥à¤¨â€ से ली गयी है।
• अलबाबà¥à¤²à¥‹à¤¨ की सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ से संबनà¥à¤§à¤¿à¤¤ कà¥à¤› जानकारी नियाज़ फ़तहपूरी की उरà¥à¤¦à¥‚ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• “तरगीबात ठजिंसी†से ली गयी है।
• उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में पवितà¥à¤° ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦ और मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ के शà¥à¤²à¥‹à¤• उदà¥à¤§à¥ƒà¤¤ किठगठहैं।
• इस उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में तारन के गाने के बोल सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ संगीतकार डॉ तनà¥à¤µà¥€ गोसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ के दिये हà¥à¤ हैं।
• अलबाबà¥à¤²à¥‹à¤¨ के माबद में गाया जाने वाला गीत डॉ इरावती के नाटक संगà¥à¤°à¤¹ “रूपानà¥à¤¤à¤°à¤£â€ से लिया गया है।
• मितà¥à¤° कबीर अजमल के आकसà¥à¤®à¤¿à¤• निधन से दà¥à¤–ी हूà¤à¥¤ गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ से संबनà¥à¤§à¤¿à¤¤ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ मानचितà¥à¤° à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ सामगà¥à¤°à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ उपलबà¥à¤§ कारवाई थी। अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ उनकी मगफिरत फरमाà¤à¥¤
इन समसà¥à¤¤ लेखकों, अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤•à¥‹à¤‚, समीकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚, संपादकों और डॉ तनà¥à¤µà¥€ गोसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ के सहयोग का आà¤à¤¾à¤°à¥€ हूठकि इन सबके सहयोग के बिना यह उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ पूरà¥à¤£ नहीं किया जा सकता था।
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Product Details
- Format: Paperback, Ebook
- Book Size:5.5 x 8.5
- Total Pages:240 pages
- Language:Hindi
- ISBN:978-93-90229-22-2
- Paper Type:Cream 70GSM
- Publication Date:October 27 ,2020
Product Description
• इस उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में अलबाबà¥à¤²à¥‹à¤¨ और गिलगमोश से संबनà¥à¤§à¤¿à¤¤ कà¥à¤› जानकारी उरà¥à¤¦à¥‚ के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ लेखक मालिक राम की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• “हमोरबी और बाबली तहज़ीब-ओ-तमदà¥à¤¦à¥à¤¨â€ से ली गयी है।
• अलबाबà¥à¤²à¥‹à¤¨ की सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ से संबनà¥à¤§à¤¿à¤¤ कà¥à¤› जानकारी नियाज़ फ़तहपूरी की उरà¥à¤¦à¥‚ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• “तरगीबात ठजिंसी†से ली गयी है।
• उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में पवितà¥à¤° ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦ और मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ के शà¥à¤²à¥‹à¤• उदà¥à¤§à¥ƒà¤¤ किठगठहैं।
• इस उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में तारन के गाने के बोल सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ संगीतकार डॉ तनà¥à¤µà¥€ गोसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ के दिये हà¥à¤ हैं।
• अलबाबà¥à¤²à¥‹à¤¨ के माबद में गाया जाने वाला गीत डॉ इरावती के नाटक संगà¥à¤°à¤¹ “रूपानà¥à¤¤à¤°à¤£â€ से लिया गया है।
• मितà¥à¤° कबीर अजमल के आकसà¥à¤®à¤¿à¤• निधन से दà¥à¤–ी हूà¤à¥¤ गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ से संबनà¥à¤§à¤¿à¤¤ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ मानचितà¥à¤° à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ सामगà¥à¤°à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ उपलबà¥à¤§ कारवाई थी। अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ उनकी मगफिरत फरमाà¤à¥¤
इन समसà¥à¤¤ लेखकों, अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤•à¥‹à¤‚, समीकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚, संपादकों और डॉ तनà¥à¤µà¥€ गोसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ के सहयोग का आà¤à¤¾à¤°à¥€ हूठकि इन सबके सहयोग के बिना यह उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ पूरà¥à¤£ नहीं किया जा सकता था।
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