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लाइफ किस को कहां लाकर खड़ा कर दे कुछ कहा नहीं जा सकता। ठीक ऐसे जैसे अंकित आज एक बिल्डिंग की छत पर खड़ा नीचे देख रहा था। नीचे देखने में ही इतना डर लग रहा था जैसे अभी गिर जाएगा तो हड्डियां तक नही बचेगी। लेकिन अंकित असल में वहां से नीचे गिरने नही बल्कि कूदने आया था। अंकित की आखों में सूखते हुए आंसू और माथे पर पसीना था जिसे वो बार-बार पूछने की कोशिश भी नहीं कर रहा था। उसके हाथ पैर कांप रहे थे और वो डर रहा था, आखिर था तो इंसान ही। .
Product Details
- Format: Paperback, Ebook
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:58 pages
- Language:ENGLISH, HINDI
- ISBN:978-93-90707-97-3
- Publication Date:September 30 ,2021
Product Description
लाइफ किस को कहां लाकर खड़ा कर दे कुछ कहा नहीं जा सकता। ठीक ऐसे जैसे अंकित आज एक बिल्डिंग की छत पर खड़ा नीचे देख रहा था। नीचे देखने में ही इतना डर लग रहा था जैसे अभी गिर जाएगा तो हड्डियां तक नही बचेगी। लेकिन अंकित असल में वहां से नीचे गिरने नही बल्कि कूदने आया था। अंकित की आखों में सूखते हुए आंसू और माथे पर पसीना था जिसे वो बार-बार पूछने की कोशिश भी नहीं कर रहा था। उसके हाथ पैर कांप रहे थे और वो डर रहा था, आखिर था तो इंसान ही। .