Sankshipt Ramlila (Natak)
पà¥à¤°à¤¿à¤¯ पाठकों, ‘रामायण’ पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¥‡à¤® की अविसà¥à¤®à¤°à¤£à¥€à¤¯, अतà¥à¤²à¤¨à¥€à¤¯, अमूलà¥à¤¯ गाथा है और ‘रामलीला’ मंचन है रामायण के उन सà¤à¥€ चरितà¥à¤°à¥‹à¤‚ का, à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ धरà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤¥ का, जो मानव जीवन का आधार बना। यह वंदन है, à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ चरितà¥à¤° का, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤£ का निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ किया। वंदन है à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ चरितà¥à¤° का, जिसने मानवता का उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ आदरà¥à¤¶ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया, जो सकल जगत के लिठआदरà¥à¤¶ हैं। जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम अपने हà¥à¤°à¤¦à¤¯ में धारण करते हैं। हमारी आदि संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का संवाहक, राम का चरितà¥à¤° सà¥à¤µà¤¯à¤‚ à¤à¤• महाकावà¥à¤¯ है, जो मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ के परमादरà¥à¤¶ के रूप में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित है।.
Product Details
- Format: Paperback
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:92 pages
- Language:Hindi
- ISBN:978-9390229413
- Paper Type:PAPERBACK
- Publication Date:September 15 ,2023
Product Description
पà¥à¤°à¤¿à¤¯ पाठकों, ‘रामायण’ पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¥‡à¤® की अविसà¥à¤®à¤°à¤£à¥€à¤¯, अतà¥à¤²à¤¨à¥€à¤¯, अमूलà¥à¤¯ गाथा है और ‘रामलीला’ मंचन है रामायण के उन सà¤à¥€ चरितà¥à¤°à¥‹à¤‚ का, à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ धरà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤¥ का, जो मानव जीवन का आधार बना। यह वंदन है, à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ चरितà¥à¤° का, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤£ का निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ किया। वंदन है à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ चरितà¥à¤° का, जिसने मानवता का उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ आदरà¥à¤¶ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया, जो सकल जगत के लिठआदरà¥à¤¶ हैं। जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम अपने हà¥à¤°à¤¦à¤¯ में धारण करते हैं। हमारी आदि संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का संवाहक, राम का चरितà¥à¤° सà¥à¤µà¤¯à¤‚ à¤à¤• महाकावà¥à¤¯ है, जो मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ के परमादरà¥à¤¶ के रूप में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित है।.