Dhund Me Safar

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उस दिन पूरे देष के अखबारों में वह एक खबर सुर्खियों में थी। लोकसभा सांसद सुदर्षनपुर प्रभात कुमार को कोर्ट द्वारा दिया गया ज़मानत का आदेष।
संसदीय क्षेत्र में पढ़े-लिखों का ऐसा षायद ही कोई घर हो, जिसमें कुछ समय के लिए आज प्रभात कुमार के नाम की चर्चा न हुई हो। होती भी क्यों न लगातार दूसरी बार निर्दलीय चुनाव लड़कर प्रभात कुमार लोकसभा पहुँचे थे। दोनों बार उन्होंने कद्दावर राजनीतिक पार्टियों के कद्दावर नेताओं को पराजित कर बड़े बहुमत से चुनाव जीता था। क्षेत्र के अधिकांष लोग उनके दीवाने थे, उसी प्रकार जैसे एक फिल्मी कलाकार के होते हैं, और अचानक ... जैसे एकाएक भूकम्प आया। एक मामले में उन्हें सज़ा हो गई। एक लोकप्रिय व्यक्ति, सलाखों के पीछे पहुँच गया। अर्ष से प्रभात कुमार फर्ष पर आ गए। लोकसभा सदस्यता समाप्त हो गई।
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Product Details

  • Format: Paperback, Ebook
  • Book Size:5 x 8
  • Total Pages:191 pages
  • Language:Hindi
  • ISBN:978-81-938254-0-2
  • Publication Date:January 1 ,1970

Product Description

उस दिन पूरे देष के अखबारों में वह एक खबर सुर्खियों में थी। लोकसभा सांसद सुदर्षनपुर प्रभात कुमार को कोर्ट द्वारा दिया गया ज़मानत का आदेष।
संसदीय क्षेत्र में पढ़े-लिखों का ऐसा षायद ही कोई घर हो, जिसमें कुछ समय के लिए आज प्रभात कुमार के नाम की चर्चा न हुई हो। होती भी क्यों न लगातार दूसरी बार निर्दलीय चुनाव लड़कर प्रभात कुमार लोकसभा पहुँचे थे। दोनों बार उन्होंने कद्दावर राजनीतिक पार्टियों के कद्दावर नेताओं को पराजित कर बड़े बहुमत से चुनाव जीता था। क्षेत्र के अधिकांष लोग उनके दीवाने थे, उसी प्रकार जैसे एक फिल्मी कलाकार के होते हैं, और अचानक ... जैसे एकाएक भूकम्प आया। एक मामले में उन्हें सज़ा हो गई। एक लोकप्रिय व्यक्ति, सलाखों के पीछे पहुँच गया। अर्ष से प्रभात कुमार फर्ष पर आ गए। लोकसभा सदस्यता समाप्त हो गई।
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