Khaab Mere Bhatakte Rahe
यूं देखने में देखिये बेहद ज़हीन हैं
खà¥à¤¦à¤—रà¥à¥› मगर हैं बहà¥à¤¤ ज़ाहिल कमींन हैं
पॠलिख गठतो और à¤à¥€ à¤à¤¯à¥à¤¯à¤¾à¤° हो गà¤
ये बात और है कि ये अब à¤à¥€ कà¥à¤²à¥€à¤¨ हैं
अपने तमाम à¤à¤¬ नहीं दिख रहे इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚
पर दूसरों के वासà¥à¤¤à¥‡ ये दूरबीन हैं
ये टूटकर à¤à¥€ आज तक ज़िंदा बने हà¥à¤
सारे हमारे खà¥à¤µà¤¾à¤¬ बहà¥à¤¤ ही हसींन हैं
जो हमको मà¥à¤¦à¤¦à¤¤à¥‹à¤‚ से दगा दे रहे सà¥à¤—म
अब à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के वासà¥à¤¤à¥‡ अपने यकीन हैं
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Product Details
- Format: Paperback, Ebook
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:120 pages
- Language:Hindi
- ISBN:978-93-88256-57-5
- Publication Date:January 1 ,1970
Product Description
यूं देखने में देखिये बेहद ज़हीन हैं
खà¥à¤¦à¤—रà¥à¥› मगर हैं बहà¥à¤¤ ज़ाहिल कमींन हैं
पॠलिख गठतो और à¤à¥€ à¤à¤¯à¥à¤¯à¤¾à¤° हो गà¤
ये बात और है कि ये अब à¤à¥€ कà¥à¤²à¥€à¤¨ हैं
अपने तमाम à¤à¤¬ नहीं दिख रहे इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚
पर दूसरों के वासà¥à¤¤à¥‡ ये दूरबीन हैं
ये टूटकर à¤à¥€ आज तक ज़िंदा बने हà¥à¤
सारे हमारे खà¥à¤µà¤¾à¤¬ बहà¥à¤¤ ही हसींन हैं
जो हमको मà¥à¤¦à¤¦à¤¤à¥‹à¤‚ से दगा दे रहे सà¥à¤—म
अब à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के वासà¥à¤¤à¥‡ अपने यकीन हैं
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