Anjane Classmate
लेखक मनीष कबीर ज़िला फ़तेहपà¥à¤° , उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के रहने वाले हैं तथा वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ परिषद , उ0पà¥à¤°0 के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त à¤à¤• विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में लेकà¥à¤šà¤°à¤° के पद पर कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ हैं । इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने B.Sc, M.Sc. à¤à¤µà¤‚ B.Ed. कानपà¥à¤° से जबकि M.Phil. की उपाधि à¤à¤¾à¤à¤¸à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की। हमेशा खà¥à¤¶ रहने à¤à¤µà¤‚ जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥ पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿ वाले ‘मनीष’ का जीवन सरल तथा विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ से à¤à¤°à¤¾ हà¥à¤† रहा है । इनका मानना है कि विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾à¤“ं से à¤à¤°à¥€ ये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ ईशà¥à¤µà¤° की à¤à¤• अदà¤à¥à¤¤ रचना है और हम सब इसका à¤à¤• हिसà¥à¤¸à¤¾ मातà¥à¤° हैं । यह उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ उन सà¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है जो à¤à¤• साधारण जिनà¥à¤¦à¤—ी जीते हैं और तमाम अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ से अनà¤à¤¿à¤œà¥à¤ž à¤à¤• कॉलेज में à¤à¤¡à¤®à¤¿à¤¶à¤¨ लेते हैं । उनके कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ ही अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ को साà¤à¤¾ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने इस उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ "अनजाने कà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤®à¥‡à¤Ÿ" के जरिठकिया है। वे कहते हैं कि यूं तो सà¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ असाधारण रूप से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¨ नहीं होते पर सà¤à¥€ अपनी जिनà¥à¤¦à¤—ी को मौज-मसà¥à¤¤à¥€ के साथ जीने की खà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¶ जरूर रखते हैं । "अनजाने कà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤®à¥‡à¤Ÿ" विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के जीवन की सतà¥à¤¯-मारà¥à¤®à¤¿à¤• घटनाओं à¤à¤µà¤‚ बीच-बीच में रोमांस के खटà¥à¤Ÿà¥‡-मीठे अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ तथा उससे मिलने वाली पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤“ं से हमें रूबरू कराता है ।.
Product Details
- Format: Paperback
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:191 pages
- Language:HINDI
- ISBN:978-8119944156
- Paper Type:PAPERBACK
- Publication Date:May 1 ,2024
Product Description
लेखक मनीष कबीर ज़िला फ़तेहपà¥à¤° , उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के रहने वाले हैं तथा वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ परिषद , उ0पà¥à¤°0 के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त à¤à¤• विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में लेकà¥à¤šà¤°à¤° के पद पर कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ हैं । इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने B.Sc, M.Sc. à¤à¤µà¤‚ B.Ed. कानपà¥à¤° से जबकि M.Phil. की उपाधि à¤à¤¾à¤à¤¸à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की। हमेशा खà¥à¤¶ रहने à¤à¤µà¤‚ जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥ पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿ वाले ‘मनीष’ का जीवन सरल तथा विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ से à¤à¤°à¤¾ हà¥à¤† रहा है । इनका मानना है कि विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾à¤“ं से à¤à¤°à¥€ ये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ ईशà¥à¤µà¤° की à¤à¤• अदà¤à¥à¤¤ रचना है और हम सब इसका à¤à¤• हिसà¥à¤¸à¤¾ मातà¥à¤° हैं । यह उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ उन सà¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है जो à¤à¤• साधारण जिनà¥à¤¦à¤—ी जीते हैं और तमाम अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ से अनà¤à¤¿à¤œà¥à¤ž à¤à¤• कॉलेज में à¤à¤¡à¤®à¤¿à¤¶à¤¨ लेते हैं । उनके कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ ही अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ को साà¤à¤¾ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने इस उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ "अनजाने कà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤®à¥‡à¤Ÿ" के जरिठकिया है। वे कहते हैं कि यूं तो सà¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ असाधारण रूप से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¨ नहीं होते पर सà¤à¥€ अपनी जिनà¥à¤¦à¤—ी को मौज-मसà¥à¤¤à¥€ के साथ जीने की खà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¶ जरूर रखते हैं । "अनजाने कà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤®à¥‡à¤Ÿ" विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के जीवन की सतà¥à¤¯-मारà¥à¤®à¤¿à¤• घटनाओं à¤à¤µà¤‚ बीच-बीच में रोमांस के खटà¥à¤Ÿà¥‡-मीठे अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ तथा उससे मिलने वाली पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤“ं से हमें रूबरू कराता है ।.