BISCOPE WALA CHITCHORE
मैं ये कह सकती हूँ लगभग चार वर्ष की थी तभी शायद मैंने होश संभाला, क्योंकि उसके आस-पास की स्मृतियाँ स्पष्ट या धुंधली मेरी यादों में कैद हैं। मैं तब मुंबई में थी, बाबूजी उन दिनों फिल्मों में पट-कथा लिख रहे थे। कभी-कभी स्टूडियो में शूटिंग देखने का मौका भी मिल जाता था, उस समय की एक बड़ी अभिनेत्री नलिनी जयवंत अक्सर अपने पति के साथ हमारे घर आती रहतीं थीं। एक बार वो किसी शूट से जापानी महिला के गेट अप में आईं, मैं उन्हें पहचान न सकी, उनके दाँतों के बीच में एक झिरी थी जब वो हंसी, तब मैं उन्हें फौरन पहचान गयी। तभी से जिज्ञासाएं आरम्भ हो गयीं कि एक ही व्यक्ति कभी कैसा तो कभी कैसा भी लग सकता है। पर क्यों करते हैं ये लोग ऐसा... उत्तर मिला ये अभिनेता-अभिनेत्री हैं अभिनय करते हैं। .
Product Details
- Format: Paperback, Ebook
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:103 pages
- Language:Hindi
- ISBN:978-93-88256-08-7
- Publication Date:January 1 ,1970
Product Description
मैं ये कह सकती हूँ लगभग चार वर्ष की थी तभी शायद मैंने होश संभाला, क्योंकि उसके आस-पास की स्मृतियाँ स्पष्ट या धुंधली मेरी यादों में कैद हैं। मैं तब मुंबई में थी, बाबूजी उन दिनों फिल्मों में पट-कथा लिख रहे थे। कभी-कभी स्टूडियो में शूटिंग देखने का मौका भी मिल जाता था, उस समय की एक बड़ी अभिनेत्री नलिनी जयवंत अक्सर अपने पति के साथ हमारे घर आती रहतीं थीं। एक बार वो किसी शूट से जापानी महिला के गेट अप में आईं, मैं उन्हें पहचान न सकी, उनके दाँतों के बीच में एक झिरी थी जब वो हंसी, तब मैं उन्हें फौरन पहचान गयी। तभी से जिज्ञासाएं आरम्भ हो गयीं कि एक ही व्यक्ति कभी कैसा तो कभी कैसा भी लग सकता है। पर क्यों करते हैं ये लोग ऐसा... उत्तर मिला ये अभिनेता-अभिनेत्री हैं अभिनय करते हैं। .