Apna Apna Akash

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Apna Apna Akash
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Apna Apna Akash

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हरियाणा लघुकथा के क्षेत्र में बहुत ही फलदायी है। यहां नये से नये
रचनाकार लघुकथा की ओर आकर्षित हो रहे हैं और इस विधा को समृद्ध
कर रहे हैं। इन्हीं में से एक ह ै इस्माइलाबाद की ‘दिव्या कोचर’ बड़ी
गंभीरता से इस विधा से जुड़ी हैं और एक लघुकथा संग्रह की पांडुलिपि
मुझे भेजी है। जैसे कोई अपने नवजात शिशु को बड़े चाव से दिखाता है।
मैं दिव्या कोचर के इस प्रथम लघुकथा संग्रह ‘अपना अपना आकाश’ का
जोरदार स्वागत् करता हूँ।.

Product Details

  • Format: Paperback, Ebook
  • Book Size:5 x 8
  • Total Pages:118 pages
  • Language:HINDI
  • ISBN:978-93-88256-44-5
  • Publication Date:January 1 ,1970

Product Description

हरियाणा लघुकथा के क्षेत्र में बहुत ही फलदायी है। यहां नये से नये
रचनाकार लघुकथा की ओर आकर्षित हो रहे हैं और इस विधा को समृद्ध
कर रहे हैं। इन्हीं में से एक ह ै इस्माइलाबाद की ‘दिव्या कोचर’ बड़ी
गंभीरता से इस विधा से जुड़ी हैं और एक लघुकथा संग्रह की पांडुलिपि
मुझे भेजी है। जैसे कोई अपने नवजात शिशु को बड़े चाव से दिखाता है।
मैं दिव्या कोचर के इस प्रथम लघुकथा संग्रह ‘अपना अपना आकाश’ का
जोरदार स्वागत् करता हूँ।.

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