Andhere me kavita ke vividh aayam
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गजानन माधव मुक्तिबोध की ‘अँधेरे में’ कविता के विविध आयाम विषय पर विस्तृत रूप से लिखने कि इच्छा बहुत दिनों से थी लेकिन समयाभाव और व्यक्तिगत उलझनों के कारण इस ओर ध्यान नहीं दे पा रहा था । वास्तव में गजानन माधव मुक्तिबोध हिंदी साहित्य के प्रख्यात कवि, आलोचक और विचारक थे, .
Product Details
- Format: Paperback
- Book Size:5.5 x 8.5
- Total Pages:176 pages
- Language:English
- ISBN:978-9364316460
- Paper Type:PAPERBACK
- Publication Date:January 15 ,2025
Product Description
गजानन माधव मुक्तिबोध की ‘अँधेरे में’ कविता के विविध आयाम विषय पर विस्तृत रूप से लिखने कि इच्छा बहुत दिनों से थी लेकिन समयाभाव और व्यक्तिगत उलझनों के कारण इस ओर ध्यान नहीं दे पा रहा था । वास्तव में गजानन माधव मुक्तिबोध हिंदी साहित्य के प्रख्यात कवि, आलोचक और विचारक थे, .