
Jazbaat Ki shyahi
सà¥à¤®à¤¨ नागर जी की कविताà¤à¤ बेहद अनूठी किसà¥à¤® की हैं। ये कविताà¤à¤ खूबसूरत, रचनातà¥à¤®à¤• अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ तथा जीवन के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ संदेशों का संयोजन हैं। यह संयोजन इनकी कविताओं को बेहद सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• व कालजयी बनाता है। मैंने इनकी कई रचनाओं को पà¥à¤¾ है और कह सकती हूठकि हर बार जब à¤à¥€ मैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤¤à¥€ हूठतो à¤à¤• सà¥à¤•à¥‚न की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है। इनकी कविताà¤à¤ आपको सामाजिक मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ और पà¥à¤°à¤¥à¤¾à¤“ं के बारे में सोचने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करती हैं लेकिन साथ ही साथ मौन, सà¥à¤¥à¤¿à¤°à¤¤à¤¾, व शांति का à¤à¤¾à¤µ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती हैं।.
Product Details
- Format: Paperback, Ebook
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:92 pages
- Language:HINDI
- ISBN:978-93-88256-82-7
- Publication Date:January 1 ,1970
Product Description
सà¥à¤®à¤¨ नागर जी की कविताà¤à¤ बेहद अनूठी किसà¥à¤® की हैं। ये कविताà¤à¤ खूबसूरत, रचनातà¥à¤®à¤• अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ तथा जीवन के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ संदेशों का संयोजन हैं। यह संयोजन इनकी कविताओं को बेहद सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• व कालजयी बनाता है। मैंने इनकी कई रचनाओं को पà¥à¤¾ है और कह सकती हूठकि हर बार जब à¤à¥€ मैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤¤à¥€ हूठतो à¤à¤• सà¥à¤•à¥‚न की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है। इनकी कविताà¤à¤ आपको सामाजिक मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ और पà¥à¤°à¤¥à¤¾à¤“ं के बारे में सोचने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करती हैं लेकिन साथ ही साथ मौन, सà¥à¤¥à¤¿à¤°à¤¤à¤¾, व शांति का à¤à¤¾à¤µ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती हैं।.