"परवाज़-ए-सुख़न" सिर्फ एक किताब नहीं, एक सपना है.....जो अब हक़ीक़त बन चुका है । दुआ करती हूं कि मेरे सुख़न उन सभी की उम्मीद बने जिनके ख़्वाबों को परवाज़ का इंतज़ार है...... ... Read More
"परवाज़-ए-सुख़न" सिर्फ एक किताब नहीं, एक सपना है.....जो अब हक़ीक़त बन चुका है । दुआ करती हूं कि मेरे सुख़न उन सभी की उम्मीद बने जिनके ख़्वाबों को परवाज़ का इंतज़ार है......